मुझे याद है वह हर बात जो हमारे बीच हुई और वह भी जो हमने शायद की ही नहीं तुम्हारे हर वह वादे जो पूरे ना हुए वह हर कसमें जो तुमने भुला दिए याद है मुझे तुम्हारी हर वह आदत तुम्हारी मासूमियत जो थी ही नहीं वह तुम्हारा चुप होना और मेरा ठहर जाना जिसे मैं वह समझता था जो था ही नहीं याद है मुझे तुम्हारे आने का वक्त और जाने की घड़ी उस बीच चंद मिनटों का वह रुकना वह इंतजार जो तुमने शायद किया ही नहीं वह फर्क जो मेरे ना आने से पड़ा ही नहीं वह अश्क जो कभी मेरे नाम का हुआ ही नहीं वह जज्बात जो कभी थे ही नहीं वह फरेब जिसे मैंने जाना ही नहीं वह मुस्कुराहट जिसने मुझे हरदम मजबूर किया वह सच जो सच था ही नहीं वह हर रात जो किसी मतलब की तस्वीर थी वह बात जो मुझसे तुमने की थी उसके हर लफ़्ज़ जिस तरह से तुमने कहे याद है मुझे वह सबकुछ याद है मुझे..