कोई है जो मुझे देखता है ख्वाब समझकर। कभी ना मिलने वाले सवालों का जवाब समझकर।। मैं तो पन्ना-पन्ना कब का बिखर चुका था। कोई उठा ले गया मुझे किताब समझकर।। विनोद विद्रोही follow me on Instagram: vinodvidrohi