क्या लिखू मैं कुछ भी भूला नही, अपनी जीवन की कड़ी से कभी अछूता नही, तुम साथ हो हरदम मेरे जानता हूँ ये मैं, अपना सबकुछ ही तुमको मानता हूँ मैं, कभी किसी करवट पे मुड़कर जो देखा तुमने वही सपना हूँ मैं मैं नही तुमसे दूर, तुम्हारा अपना हूँ मैं, चाहो तो आजमा लेना, की तुम्हे अभीतक भुला नही हूँ मैं|