"लिखना...एक ज़रिया है तुमसे जुड़े रहने का... तुम्हारी ग़ैर मौजूदगी में भी...एक उम्मीद है... जो कहती है कि...तुम ज़रूर लौटोगे कभी न कभी... मुझे पढ़ने के लिए..." 😉