वक़्त को समझाया तो बहुत तुम्हारी ख़ातिर। मैं तो रुक गया था पर वक़्त नही रुका। तुम तो वक़्त के साथ चल पड़ी और मैं... आज भी राह में एक पत्थर से पड़ा हूँ जो हर राहगीर को देश कर अपनी किस्मत को कोसता रहता है...