बाज़ार में घूमते घूमते जब मेरी नज़र उस खिलौने पर पड़ी, तब लगा कि हम भी खिलौनों जैसे हो गए हैं,जिसका मन करता है, हमारी भावनाओं के साथ खेलता हैं। इनकी तरह हम भी बेज़ान होते तो कम से कम टूटने का गम ना होता । _sweety yadav #toys #life Diwan G