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बाज़ार में घूमते घूमते जब मेरी नज़र उस खिलौने पर पड

बाज़ार में घूमते घूमते जब मेरी नज़र उस खिलौने पर पड़ी, तब लगा कि हम भी खिलौनों जैसे हो गए हैं,जिसका मन करता है, हमारी भावनाओं के साथ खेलता हैं। इनकी तरह हम भी बेज़ान होते तो कम से कम टूटने का गम ना होता ।


_sweety yadav #toys #life Mayank Yadav hm alam siddiqui ishu Diwan G Rj king
बाज़ार में घूमते घूमते जब मेरी नज़र उस खिलौने पर पड़ी, तब लगा कि हम भी खिलौनों जैसे हो गए हैं,जिसका मन करता है, हमारी भावनाओं के साथ खेलता हैं। इनकी तरह हम भी बेज़ान होते तो कम से कम टूटने का गम ना होता ।


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