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रंग और रूप रंग और रूप पर मरते देखा अपने चाहत को सज

रंग और रूप रंग और रूप पर मरते देखा
अपने चाहत को सजाते देखा
ढल जाती न टिकती दो पल
फिर भी कसौटी बनाते देखा

कोई श्याम कोई गौर वर्ण का
मोल किया बस बाहरी रूप का
मानसिकता झलकाती दर्शक का
जिसने रंगों में बांटना सीखा

आओ करें एक नया प्रयोग
आँखे नही दिमाग का उपयोग
मिलाते हैं हाड़, मांस के रंग
रूप मिलाते हर अंग प्रत्यंग 

सच्चा रंग तेरा दर्शाता अंतर्मन
कितना अपना या साथ है बेमन
कब तक साथ देगा बाहरी तन
सुंदर हृदय ही होता जीवनधन
अपना रूप बदले हर क्षण यह दुनिया
चर्मचक्षु बोले कभी ये कभी वो है बढ़िया
दूजे के रूप को तो जी भर है ताका
कभी अपने अंतरात्मा में है क्या झांका?

                                                      satyprabha💕 रंग और रूप पर मरते देखा
अपने चाहत को सजाते देखा
ढल जाती न टिकती दो पल
फिर भी कसौटी बनाते देखा

कोई श्याम कोई गौर वर्ण का
मोल किया बस बाहरी रूप का
मानसिकता झलकाती दर्शक का
रंग और रूप रंग और रूप पर मरते देखा
अपने चाहत को सजाते देखा
ढल जाती न टिकती दो पल
फिर भी कसौटी बनाते देखा

कोई श्याम कोई गौर वर्ण का
मोल किया बस बाहरी रूप का
मानसिकता झलकाती दर्शक का
जिसने रंगों में बांटना सीखा

आओ करें एक नया प्रयोग
आँखे नही दिमाग का उपयोग
मिलाते हैं हाड़, मांस के रंग
रूप मिलाते हर अंग प्रत्यंग 

सच्चा रंग तेरा दर्शाता अंतर्मन
कितना अपना या साथ है बेमन
कब तक साथ देगा बाहरी तन
सुंदर हृदय ही होता जीवनधन
अपना रूप बदले हर क्षण यह दुनिया
चर्मचक्षु बोले कभी ये कभी वो है बढ़िया
दूजे के रूप को तो जी भर है ताका
कभी अपने अंतरात्मा में है क्या झांका?

                                                      satyprabha💕 रंग और रूप पर मरते देखा
अपने चाहत को सजाते देखा
ढल जाती न टिकती दो पल
फिर भी कसौटी बनाते देखा

कोई श्याम कोई गौर वर्ण का
मोल किया बस बाहरी रूप का
मानसिकता झलकाती दर्शक का