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गुमनाम हाँ मैं हूँ, पर कहीं खोई हुई हूँ। आंखें ख

गुमनाम

हाँ मैं हूँ, पर कहीं खोई हुई हूँ।

आंखें खुली हैं, पर सोई हुई हूँ।।

पलकें सहेज नही पाई उस नमी को,

जज्वात के बूंदों से, भिगोई हुई हूँ ।। #बरेली
गुमनाम

हाँ मैं हूँ, पर कहीं खोई हुई हूँ।

आंखें खुली हैं, पर सोई हुई हूँ।।

पलकें सहेज नही पाई उस नमी को,

जज्वात के बूंदों से, भिगोई हुई हूँ ।। #बरेली