क्यों तकलीफ देकर मुस्कुरा रहे हो में अपना इलाज ढूंढ कर लाया हूं देख मैखाने में हजारों बोतले में सजाया हूं तुम मुझे खुद तक न रख सके मूड कर देख जरा हजारों महफिले आज सजाया हूं फूलों जैसा किस्सा था मेरा देख आज कटे भी साथ लाया हूं जिस चादर के सपने थे आज भी जला कर आया हूं तेरे घर तक उड़े धुआँ उस ओर मै हवा करके आया हूं देख तेरे ही फूलों का मै माली बन कर आया हूं चाह कर भी छू न सको वो सितारा बन कर आया हूं तेरी रोशन गलियों का किनारा बन कर आया हूं बहुत हसते थे मुझ पर तुम तेरे गमों का सहारा बन कर आया हूं बहुत इल्जाम दिए थे तुमने देखो ओढ़नी मै ढूंढ कर लाया हूं ©rashmi98 #nojotonews #nojotokavita #NojotoEnglishPoetry #NojotoEnglish #nojotohindipoetry #nojotocreator #december #kavitakosh r.r Ashish Kumar Rajpoot Vipin Misra AMBRISH CHANDRA BHARAT vandna mishta