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मौसम ए इश्क़ में..वो इस कदर मगरूर हो गए, पल भर में

मौसम ए इश्क़ में..वो इस कदर मगरूर हो गए,
पल भर में दिल दे बैठे और मेरे हुजूर हो गए,
मेरा लाखों का सावन बीत ना जाए..तो दो टकिये की नौकरी छोड़कर अभी आ ही रहे थें,
पर तीखी,चमकती धूप ने ऐसा सेंका कि वापस चले गए और फिर से दूर हो गए 😂

©राजेश तिवारी "रंजन"
  हास्य व्यंग्य

हास्य व्यंग्य #कॉमेडी

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