पर आंखो में नींद नही आ रही थीं । बस सुबह के सपने देखने को जी ललचा रहा था क्योंकि उससे मिलना जो था । घड़ी की सुई तेज होकर भी धीमी लग रही और ये नादान दिल अपनी तैयारीयो में व्यस्त था । इस पागल ने बिना देखे हजारो चेहरे बना दिये और उनके साथ हजारो सपने सजा दिए । अब तो आंखे भी कह रही थी कि मुझे तो सुला दे तेरे ख्यालो में मुझे जागना पड़ रहा है और फिर.... losac_kp👆_shayari_official #ministory