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आज आखिरकार मैंने अश्कों से दोस्ती कर ली कमी थी तो

आज आखिरकार मैंने अश्कों से दोस्ती कर ली
 कमी थी तो बस
उन यादों की जब तुम्हारी मेरे दिल पर हकूमत थी

आज इन अलफ़ाज़ों ने तुम्हारी हर अदा इस कविता में लिख दी
कमी थी तो बस
उस मुस्कान की जिससे मेरी पहचान थी
@theforgingwords



read full piece in caption आज उन बादलों के पास बूंदे तो थी
कमी थी तो बस 
इस टप टप में तेरी खनकती आवाज की

आज उन हवाओं में लहरें तो बहुत थी
कमी थी तो बस
उन लहरों में तेरे लफ़्ज़ों से बिखरती कशिश की
आज आखिरकार मैंने अश्कों से दोस्ती कर ली
 कमी थी तो बस
उन यादों की जब तुम्हारी मेरे दिल पर हकूमत थी

आज इन अलफ़ाज़ों ने तुम्हारी हर अदा इस कविता में लिख दी
कमी थी तो बस
उस मुस्कान की जिससे मेरी पहचान थी
@theforgingwords



read full piece in caption आज उन बादलों के पास बूंदे तो थी
कमी थी तो बस 
इस टप टप में तेरी खनकती आवाज की

आज उन हवाओं में लहरें तो बहुत थी
कमी थी तो बस
उन लहरों में तेरे लफ़्ज़ों से बिखरती कशिश की

आज उन बादलों के पास बूंदे तो थी कमी थी तो बस इस टप टप में तेरी खनकती आवाज की आज उन हवाओं में लहरें तो बहुत थी कमी थी तो बस उन लहरों में तेरे लफ़्ज़ों से बिखरती कशिश की