एक वक्त था जब वो उभरने की कोशिश में रहती, और मैं उसे कभी हंसी के परदे में, कभी गुस्से के तले तो कभी व्यस्तता के पीछे धकेलती। पर आजकल लगता है उसे भी मेरी खुशियों से कुछ लगाव हो चला है, क्योंकि अब मेरी बनाई परतों में झांकने पर भी वो नजर नहीं आती है। हां है वो यहीं कहीं, पर अब मेरी खुशियों और मेरे बीच नहीं आती है, बस ऐसी ये उदासी है। #उदासी #melancholy #moodsoflife #grewouttogrow #yqbaba #yqdidi #grishmapoetry #grishmaunedited Collaborating with YourQuote Didi