क्या ये शब़ जाने है, मैं इतना परेशां क्यूं कर हूं, क्यूं मंज़िलो पर पहुंच कर भी मेरा सफ़र ख़त्म नहीं होता सदानन्द कुमार #LastDay #nojotohindi #TalkOnline #Poertyonline #Lockdownstories