तू उड़ने वाला पंछी है मैं धरती की डाली हूँ, भरा आसमाँ तारों का मैं बहती नदिया खाली हूँ, तू बनवासी राम हुआ दीया मैं तेरी यादों का, तू गुब्बारा होली का और मैं तेरी दीवाली हूँ, जब डमरू का नाद हुआ फिर चलने लगी धरा लय से, तू नटराज हुआ जग में तो मैं भी वीणा वाली हूँ, बजा बाँसुरी छेड़ दिया इक राग प्रेम का फिर जग में, तू गोकुल का कृष्ण बना तो मैं बरसाने वाली हूँ, मैं भी तू भी सब कुछ मैं हूँ नहीं विलग कोई मुझसे, जन्मे हैं मुझसे मैं ही तो नाश कराने वाली हूँ। मैं......🎹🎹 #yqdidi #yahindi #yqhindishayari #yqbhaijan #yqshayari