हम जो इतना चल रहे हैं आख़िर कहाँ तक जाएंगे... जो हारेंगे नहीं बो मंज़िल तक पुहुँचेंगे, जो हार मान लेंगे बो मंज़िल से भटक जाएंगे। राहुल मीणा✍️ हम जो इतना चल रहे हैं आख़िर कहाँ तक जाएंगे... जो हारेंगे नहीं बो मंज़िल तक पुहुँचेंगे, जो हार मान लेंगे बो मंज़िल से भटक जाएंगे।