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सही वक्त पर पीए गए "कडवे घूंट" अक्सर जिन्दगी "मी

सही वक्त पर पीए गए 
"कडवे घूंट"
अक्सर जिन्दगी 
"मीठी" कर दिया करते हैं। “भीड़ में खड़ा होना मकसद नहीं है मेरा बल्कि भीड़ जिसके लिए खड़ी है वह बनना है मुझे”
सही वक्त पर पीए गए 
"कडवे घूंट"
अक्सर जिन्दगी 
"मीठी" कर दिया करते हैं। “भीड़ में खड़ा होना मकसद नहीं है मेरा बल्कि भीड़ जिसके लिए खड़ी है वह बनना है मुझे”

“भीड़ में खड़ा होना मकसद नहीं है मेरा बल्कि भीड़ जिसके लिए खड़ी है वह बनना है मुझे”