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"देखो नूतन वर्ष हैं आया, धरा पुलकित हुई गगन मुस्का

"देखो नूतन वर्ष हैं आया,
धरा पुलकित हुई गगन मुस्काया।
किंचित चिंताओं में डूबा कल
ढूँढ़ ही लेगा नया वर्ष कोई हल..
"

©Dil galti kr baitha h
  "देखो नूतन वर्ष हैं आया,
धरा पुलकित हुई गगन मुस्काया।
किंचित चिंताओं में डूबा कल
ढूँढ़ ही लेगा नया वर्ष कोई हल..
"

"देखो नूतन वर्ष हैं आया, धरा पुलकित हुई गगन मुस्काया। किंचित चिंताओं में डूबा कल ढूँढ़ ही लेगा नया वर्ष कोई हल.. " #suspense

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