ऐ कैसी मुहब्बत है जिस मे हम लोग तडपते हैं। कुछ लोग इश्क़ करने को तरसते है। तोड़ा था दिल मेरा जिस शख्स ने खुदा करे कभी नाआये वो मेरी जि़दगी मे हम ऐसे ही अच्छे हैं क्योंकि उसे अब दो बच्चे हैं। अबु सुफियान""इसमत " डेहटी ककोड़वा जिला अररिया बिहार और ना ही आऐ तो अच्छे हैं।