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बचपन का ज़माना होता था, खुशियों का ख़जाना होता था।


बचपन का ज़माना होता था,
खुशियों का ख़जाना होता था।

हर बात पर बस
बच्चा बन जाना होता था।

कुछ पता नहीं था सपनों का,
बस ज़िद करने का ठाना था।

ज़िद पूरी ना होने,
पर घर सिर पर ,
उठाना होता था।

ज़िद पूरी ना होने,
पर घर सिर पर ,
उठाना होता था।

©Gunja Agarwal
  #childernsday  Priyanka Modi