मैं कितना कुछ नहीं जानता मैं नहीं जानता कि संगम के उस पार नदियां मिलकर क्या करतीं हैं ? मैं नहीं जानता कि पंछी आकाश में उड़ सकने के बावजूद किसी सुरक्षित जंगल क्यों नहीं चले जाते ? मैं नहीं जानता उसे भी जिसे मैं कभी नहीं जान पाऊंगा मैं नहीं जानता कि ईश्वर है ? फिर भी ये दुनियां कैसे हैं ? मैं जितना जानता हूं वो कुछ नहीं है? मैं बस जानता हूं कि मैं कुछ नहीं जानता । ©शैलेन्द्र यादव #lovebirds love shayari