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बदन से टपकता पसीना अब मिट्टी मेे बीज नहीं सींचता आ

बदन से टपकता पसीना अब मिट्टी मेे बीज नहीं सींचता
आंखों से गिरा आंसू अब राख की आग नहीं बुझाता
अब यहां फर्श पर टाइल्स बिछी हैं। फर्श की टाइल्स
#Reflection
बदन से टपकता पसीना अब मिट्टी मेे बीज नहीं सींचता
आंखों से गिरा आंसू अब राख की आग नहीं बुझाता
अब यहां फर्श पर टाइल्स बिछी हैं। फर्श की टाइल्स
#Reflection

फर्श की टाइल्स #Reflection