मेरे रंज- ओ- ग़म से परेशान हैं वो, कदम- दर- कदम जो गिराते रहे हैं. मेरी ज़िन्दगी से भी हैरान हैं वो, जो पैरों में लंगड़ी फंसाते रहे हैं. हूँ मीलों की दूरी पे राही जहाँ में, मगर दुश्मनी वो निभाते रहे हैं. गिरे जब भी मेरे क़दम ये फिसलकर, तंज के शर जुबां से चलाते रहे हैं. बहुत ख़ास हूँ उनकी मैं महफ़िलों में, मेरे किस्से उनमें सुनाते रहे हैं. #yqhindi #break #closeness #distance #safar #jindagi #relatives #life