कवि : अटल बिहारी वाजपयी See caption जब मन में हो मौज बहारों की चमकाएँ चमक सितारों की, जब ख़ुशियों के शुभ घेरे हों तन्हाई में भी मेले हों, आनंद की आभा होती है उस रोज़ 'दिवाली' होती है । जब प्रेम के दीपक जलते हों