आज मै शहर की हवाओ मे बह गया। मै पढ़कर भी अनपढ़ रह गया।। जब मेरे पास एक बूढ़आ शक्स पैर पकडकर बोला साहब मेरा काम हो जायगा।। मै गुस्से मे बोला हाँ हो जायगा ।। फिर मै अपने घर पहुचा अपने बुढ़े मा बाप को देखा। फिर देखकर मन बेचैन सा हो गया ।। मेरे हृदय से रुह निकली ।।। सच मे आज मै शहर की हवाओ मे बह गया। मै पढ़कर भी अनपढ़ रह गया।। ©RAM JI KASHYAP truth of life #SAD