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घूँघट ने सिखाये सलीके दरबानी के जब तरस गये दीदा इ

घूँघट ने सिखाये सलीके दरबानी के 
जब तरस गये दीदा इक अद्भुत शशि झलक को
क्यों बीत रहा इक अपूर्व मन्वंतर दो नजरों मध्य
क्यों हो रहा दर-ब-दर इक चाँद अपने फलक को !

पुष्प सरीखा आनन; छिपाये बैठा है बैरी चिलमन
कब ये हृदय महसूस करेगा उस चितवन धड़क को
क्यों लड़खडा रही इक तान बाँसुरी व श्रवण मध्य
क्यों स्वरों की व्यंजना व्यक्त कर रही आँखों की कसक को!! मन्वन्तर- युग, काल
#love #lovequotes #poetry #veil #yqdidi #yqbaba #life #surajaaftabi
घूँघट ने सिखाये सलीके दरबानी के 
जब तरस गये दीदा इक अद्भुत शशि झलक को
क्यों बीत रहा इक अपूर्व मन्वंतर दो नजरों मध्य
क्यों हो रहा दर-ब-दर इक चाँद अपने फलक को !

पुष्प सरीखा आनन; छिपाये बैठा है बैरी चिलमन
कब ये हृदय महसूस करेगा उस चितवन धड़क को
क्यों लड़खडा रही इक तान बाँसुरी व श्रवण मध्य
क्यों स्वरों की व्यंजना व्यक्त कर रही आँखों की कसक को!! मन्वन्तर- युग, काल
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