White क़िस्मत में उस ज़लील की जन्नत नहीं रही जिसकी नज़र में बाप की अज़मत नहीं रही मैं घर में था तो महँगा था बाज़ार का मिज़ाज मैं बिकने आ गया हूँ तो क़ीमत नहीं रही । ©Sarfaraj idrishi #Sad_shayri क़िस्मत में उस ज़लील की जन्नत नहीं रही जिसकी नज़र में बाप की अज़मत नहीं रही मैं घर में था तो महँगा था बाज़ार का मिज़ाज मैं बिकने आ गया हूँ तो क़ीमत नहीं रही । कृष्णा वाघमारे, जालना , महाराष्ट्र,431211 Ramesh (rs) राजस्थानी....