तेरी सोच और समझ, तेरे चेहरे की सादगी से जुदा है..? इंसान तो तु बन ना सका, और बनता है ऐसे,जैसे खुदा है...! तेरी सोच और समझ, तेरे चेहरे की सादगी से जुदा है..?