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तमाम उलझनें गांठें उलझी ही रहने दो हिसाम, ज़िंदगी

तमाम उलझनें गांठें उलझी ही रहने दो हिसाम,
ज़िंदगी इनके सिवा अब बेमज़ा सी लगती है।
हिसाम

©✍️Hisamuddeen Khan 'hisam' हिसामुद्दीन खान हिसाम
9680050042
तमाम उलझनें गांठें उलझी ही रहने दो हिसाम,
ज़िंदगी इनके सिवा अब बेमज़ा सी लगती है।
हिसाम

©✍️Hisamuddeen Khan 'hisam' हिसामुद्दीन खान हिसाम
9680050042

हिसामुद्दीन खान हिसाम 9680050042