तु छोड़ दे दरार को दिमाग़ के रूह की आवाज़ बन कश्तियो की चाल बन ये संघर्ष है तो लड़ जरा बिना डरे तु ना जाने क्या है कल बाकि भी ना जाने बहार को छोड़ तु ये नहीं पराक्रम है तु छोड़ द्वंद बन पतंग तु फिर कोई उड़ान भर जग नहीं सत्य इसमें भरा पाखंड तु जो चला तो बढ़ेगा बस यही अखंड है तु आग बन तु आंधी बन जा यहां बुराई की ताल है ये एक मायावी जाल है अच्छाई काफी नहीं तु आधी से उखाड़ दे इन्हे इनके वजूद को लताड़ दे -कलम कुछ कहती है ©poeticdivanew #inspirational #जूनून #nojoto #nojotostory #nojotonewz #WForWriters