तेरे संग बह रहा हूं मैं हवाओं के जैसा नदियों के जैसी तू ठहरती कहां है बहते रहना ही शायद फ़ितरत है तेरी हवाओं की फ़ितरत भी बदलती कहां है... © abhishek trehan 🎀 Challenge-413 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 फ़ितरत एक उर्दू शब्द है जिसका अर्थ होता है प्रकृति, स्वभाव, आदत, उत्पत्ति, पैदाइश, धूर्तता, चालाकी, शरारत। 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।