मैं एक खुली क़िताब हूँ.. जो बस मेज़पर पड़ी हैं.. न जानें कितने दिनोंसे बस जब कोई धूल हटाकर चला जाता हैं तब जिंदा होनेका एहसास फ़िरसे होता हैं.. ©मी शब्दसखा #hindi #shayari #nojotohindi #shayar #writer #book #kitab