बेसब्र होकर हर रोज शाम की दहलीज पर बैठ जाते है ... जो तुम आओ तो चराग़ों को रौशन कर ले... वफ़ा पर एहतराम तुमसे है जिंदगी में सांसों का चलना इक तेरे एहसास से है , मुकम्मल होना मेरा तेरी रुह से है मेरे अश्कों को उतरना सिर्फ तेरे दर्द से है हां है , मेरी सांसों में बैचेनी बस इक तेरे सांसों के बंधन से है Pic credit-pintreast #yqdidi #yqlovequotes #ananttripathi #yaadein #tumhareliye #saansein #sriftum #YourQuoteAndMine Collaborating with varsha Gujrati