कल्पना के पंख पसार उड़ चली मैं क्षितिज के उस पार जहा एक प्यारा सा गाँव है माँ-बाबा के स्नेह की जहा मिलती शीतल छाँव है जिम्मेदारी का जहा शाेर नहीं स्नेह का वहां काेई ओर छाेर नहीं थाेड़ी देर उनकी गाेद में सर रख कर साे लूंगी ख्वाब टूटने से पहले एक बार फिर बचपन काे अपने जी लूंगी..... आज से पितृ पक्ष कि शुरूआत हाे गयी है।कहते है इस समय हमारे पुर्वज अपने बच्चाें पर स्नेह की बारिश करते है...🙏🙏🙏🙏🙏 #क्षितिज #कल्पना #माँपापा #पितृपक्षप्रपूजिता #yqbaba #yqdidi #yqtales #yqquotes