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ठीक उसी तरह जैसे.... स्वयं में महसूस करने की बजाय,

ठीक उसी तरह जैसे....
स्वयं में महसूस करने की बजाय, 
कोई मृग उम्र भर कस्तूरी की 
खुशबू की तलाश में रहा हो…
शायद वैसे ही, हम समझ न पाए
तुम्हारा प्रेम आत्मीय था, मृगतृष्णा सा नहीं...!! #बताओ_जरा 3. #soulfulshunya #ठीक_उसी_तरह 3

#मुक्तक #जानाँ  #lovequotes #poetrycommunity  #YourQuoteAndMine 
Collaborating with AARAV
ठीक उसी तरह जैसे....
स्वयं में महसूस करने की बजाय, 
कोई मृग उम्र भर कस्तूरी की 
खुशबू की तलाश में रहा हो…
शायद वैसे ही, हम समझ न पाए
तुम्हारा प्रेम आत्मीय था, मृगतृष्णा सा नहीं...!! #बताओ_जरा 3. #soulfulshunya #ठीक_उसी_तरह 3

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