ख़ाब नींदों का खुली आँखों पे आएं, हम बदल न जाए, चाहत की दुनियाँ कभी हमें बुलाएं, हम बदल न जाए, गर कोई हाथ पकड़ भरोसे का, हम शोहरतें पाएं तो इतना ध्यान रहें, शोहरत पाएं, हम बदल न जाए। #चारण_गोविन्द #चारण_गोविन्द #govindkesher #बेवफ़ाई #शायरी #कविता #Love #Poetry #मुहब्बत #भरोसा