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न मंत्र,न तंत्र और न ही पूजा-पाठ (प्रार्थना ही सत्

न मंत्र,न तंत्र और न ही पूजा-पाठ
(प्रार्थना ही सत्य है)

सदाशिव अर्द्धांगिनी माता
जगत की कल्याणी माता
एक रूप सती कहलाती
दूजा रूप है पार्वती मां,
नौ रूपों में आकर माता
अदभुत तुने काम किये
देवगणों को मुकि्त दिला
असूरों का संहार किया,
तु ही दुर्गा, जगदम्बे मां
अम्बे, शेरावाली माता,
सब देवों ने मिलकर माता
अस्त्र -शस्त्र प्रदान किये
एक हाथ तलवार से शोभित
दूजे मे है पुष्प कमल के,
सिर पर मुकुट पिताम्बर वस्त्र
अर्थचंद्र का तिलक सुशोभित,
मोती मणी गले मे हार
शेर सवारी करती हरदम,
घर मंदिर में पूजी जाती।

©Sadhana .(teacher) #navratri begins #Sudha Tripathi #Suman Kumar #Dr. SONI(PROFESSOR) 
#Neha pant nupur
 #Anshu writer
#Sanju singh
न मंत्र,न तंत्र और न ही पूजा-पाठ
(प्रार्थना ही सत्य है)

सदाशिव अर्द्धांगिनी माता
जगत की कल्याणी माता
एक रूप सती कहलाती
दूजा रूप है पार्वती मां,
नौ रूपों में आकर माता
अदभुत तुने काम किये
देवगणों को मुकि्त दिला
असूरों का संहार किया,
तु ही दुर्गा, जगदम्बे मां
अम्बे, शेरावाली माता,
सब देवों ने मिलकर माता
अस्त्र -शस्त्र प्रदान किये
एक हाथ तलवार से शोभित
दूजे मे है पुष्प कमल के,
सिर पर मुकुट पिताम्बर वस्त्र
अर्थचंद्र का तिलक सुशोभित,
मोती मणी गले मे हार
शेर सवारी करती हरदम,
घर मंदिर में पूजी जाती।

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