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मुझे चाहत थी बडा बनने की, मुझे चाहत थी शोहरत पाने

मुझे चाहत थी बडा बनने की,
मुझे चाहत थी शोहरत पाने की
वक्त के साथ सब कुछ छुट गया,
पर तेरे लिए चाहत आज तक रही।
ऊब गया था बज्मी रिवाजों से
ऊब गया था नकाबी राजदारोंसे
यहा तक की दुनिया से भी ऊबा
यादोंमे तेरी ताजगी आज तक रही।
पता नही ये सब अजीब क्यों है
छोड चुका वही लाजिमी क्यों है
मै मसरुफ रहा शायद वक्त बदले,
जो थी दुनिया जाने कैसी आज तक रही।
Ct.JackOcean

©Jack Sparrow
  #WierdLife