White अब मुझे ऐसा लगता है कि गुजरते हुए दिनों के साथ-साथ शायद हम अपनी मानसिक संतुलन भी धीरे- धीरे खो रहे है... जैसे की, यूँ ही बैठे-बैठे आँखे नम हो जाना, बहुत ज्यादा सोचना, हमेशा उलझन में रहना.. कहने को तो मेरे पास हर रिश्ता है, लेकिन फिर भी हम खुद को अकेला ही महसूस करते है भीड़ में होते हुए भी अकेलापन महसूस करते है... ऐसा लगता है जैसे मेरा सब कुछ छिन गया हो, खो गया हो, मेरा किसी भी चीज में मन नही लगता, मोबाइल को पकड़कर घंटों सोचते रहते है की क्या करना है... बस दिल करता है कही दूर चले जाए एक ऐसी जगह जहाँ पे मेरे सिवा कोई ना हो, जहाँ मै खुली सांस ले सकुँ और खुलकर रो सकूँ चीख सकूँ... ©sweta kumari swati #sad_quotes #Dard