भोर ======= भोर का सूरज उग गया सब का काम शुरू हो गया कोई जी गया कोई मर गया खाने पीने का भी सिलसिला शुरू हो गया कसाई का चाकू तेज़ हो गया बेजुबान जानवरो, पक्षियों का सर धड से अलग हो गया 😓, मंदिरो मे घंटा बज गया, उससे पहले मस्जिदों मे अजान हो गई, गुरुद्वारे मे अरदास पढ़ ली, church मे candle जल गई, और prayers भी हो गई, शमशान मे लकड़ियां आ गई, किसी की चिता जल रही हैं तो किसी की सज रही हैं, ये भोर रोज आती हैं और कितनों को पैदा होते देखती हैं तो कितनों को मरते, कटते, कितनों को मज़बूरी मे रोते, भूखे पेट सोते, जिस्म की आग शांत करते, काला धन बटोरते ये भोर कैसी हैं, भगवान, अल्लाह, जीसस, साई, गुरुनानक जी देखो क़्या क़्या होता हैं धरती पर, पाप पुन्य का खेल, कुछ रहम करो बुद्धि दो इंसानों को कि गलत काम से बचे और अच्छे इंसान बने 🙏🏼 ©Pooja Udeshi #bhoora भोर #City