सविता गणवीर :: कल तूने मेरी पूँछ बाँधी थी आज देखों मैं तुम्हारा क्या हाल करती हूँ। सालिक गणवीर :: छोड़ दे मोटी,, ओ,,, मैं,, तो,, वो,, मैं सविता गणवीर :: दरिंदे रातभर दर्द हुआ पूछवाड़े में और तु खराटे मारता रहा आज तेरी पूँछ काटूंगी फिर देखना क्या होता हैं सालिक गणवीर :: नहीं,, नहीं,, मेरी नीलम परी ऐसा ना करों, आगे से ऐसा नहीं करूँगा। इसी पूँछ के सहारे तो.. छोड़ दे.. छोड़ दे.. उई माँ...आउच..🤑🤑 ©Deep Bawara #आत्महत्या_प्रवर्तक_yourquote_मुर्दाबाद #गणवीरजोक्स #yqdidi #yqbaba #restzone #aestheticthoughts #korakagzz #nojotoapp