घर का रास्ता याद आता है घर का रास्ता जब मां जैसी दंतुलित मुस्कान किसी घूंघट मे दीख पङे, देखतें हैं छोटे बच्चों की टोली गिल्ली-डंडे के साथ, कहीं गली में रंभाती हो छोटी-सी बाछी, या जोर की भूख लगी हो और जेब में फाका हो जाए, या पसीने से लथपथ कोई मजदूर ! #घर की याद