हाँ करता हूँ याद तुम्हे आज भी तुमसे वो मीठी मीठी बातें और वो प्यारी सी मुलाकातें मेरा रूठना तेरा मनाना फिर तुझे हँसके चिढाना सच कहता हूं आज भी तुझे भूल न पाया हूं जाना.... वो लम्बे रास्तों का बातों है बातों में कट जाना मुझे डांट डांट के तेरा खाना खिलाना तेरी आवाज़ सुने बिना सो न पाना और आज इन लम्बी लम्बी रातों का तेरी यादों के सहारे है गुज़र जाना सच कहता हूं आज भी तुझे भूल न पाया हूं जाना.... लौट आजा मेरी जिंदगी में क्योंकि आज भी लोगों का सिलसिला जारी है मुझे तेरे नाम से चिढाना मेरा रोना और खुद ही आँशु छुपाना अब नहीं रह पाता हूं तेरे बिना जाना सच कहता हूं आज भी तुझे भूल न पाया हूं जाना.... सच कहता हूं आज भी तुझे भूल न पाया हूं जाना.... #पहलीकविता