**चंद अशआर** **अधूरी ख़्वाहिशात** तेरे जाने से कैसी, ये विरानी है। गुमसुम है दिल, आँखों में भी पानी है।। करनीं हैं ढेरों बातें, हमको तुमसे। देखो दिल की सब बातें आज बतानी है।। खामोशी तोड़ो अपनी, तुम्हें है कसम। खुशरंग मौसम है, ये शब भी सुहानी है।। छोड़ गये हमको तन्हा, तुम तो परदेश। अब हमको इन तारों संग रात बितानी है।। रूहों कीं बातें करते फिरते हैं, जो। झूठी कसमें खाते, नियत इनकी जिस्मानी है।। छुप छुप कर मिलना तुमसे बरगद के पीछे। भूल नहीं पाये कुछ भी याद हर निशानी है।। SHAYAR ABHINESH Sagar Shayar Abhinesh Sagar