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आज फिर टूटेंगे, उनकी खिड़कियों के शीशे, कि आजकल शह

आज फिर टूटेंगे, उनकी खिड़कियों के शीशे,
कि आजकल शहर में कोई दीवाना घूमता है। #दीवानगी__
आज फिर टूटेंगे, उनकी खिड़कियों के शीशे,
कि आजकल शहर में कोई दीवाना घूमता है। #दीवानगी__