Unsplash 1. "दिखावे के शरीफ बनने की आदत नहीं है हमारी" मीनिंग: हमें दिखावे के लिए अच्छा बनने की जरूरत नहीं है, हम सच्चे और ईमानदार हैं। 2. "शब्द चाहे जैसे भी हो खुलेआम लिखते हैं" मीनिंग: हम अपने विचारों को खुलकर और स्पष्ट रूप से व्यक्त करते हैं, चाहे हमारे शब्द कितने भी कठोर या सच्चे क्यों न हों। ©Naushad bin Sharif #Booसाथ: 1. "दिखावे के शरीफ बनने की आदत नहीं है हमारी" मीनिंग: हमें दिखावे के लिए अच्छा बनने की जरूरत नहीं है, हम सच्चे और ईमानदार हैं। 2. "शब्द चाहे जैसे भी हो खुलेआम लिखते हैं"