ए ज़िन्दगी... तेरे एहसास से रूबरू हुए एक अर्सा हो गया, जंग-ए-ज़िन्दगी लड़ते लड़ते एक अर्सा हो गया, मैं तर गया या उभर गया खबर किसको है, सब खुद की खुदी में मशरूफ हैं सबर किसको है, ऐसे आलम में वो मिली एक महक की तरह, ज़िन्दगी को गुलज़ार किया एक चमक की तरह, रिश्ते निभाने की फ़िराक में थे और रिश्तों से दूर हो गए, तकल्लुफ़ देना तो नही चाहते थे, पर मजबूर हो गए, जीवन किस दिशा में जाये इस विषय का चर्चा हो गया, तेरे एहसास से रूबरू हुए एक अर्सा हो गया।। #ज़िन्दगी_जी_के_देखो