बुलंदी के सफर में अंजाम से कौन ड़रता है दुश्मनों के चलाये कंकरो से कौन मरता हैं तिमिर फट जायेगी हर सहर पे रहबर खुद पे रख हौसला गैरो पे कौन चलता है मंजिल उन्हें मिलती है जो खुद के पैरो पे चलता है #मेरीडायकीकेकुछपन्ने