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बह जाओगे तुम मेरे गम के आसुओं में अब वो ताकत नहीं

बह जाओगे तुम मेरे  गम के आसुओं में
अब वो ताकत नहीं है इन बाजुओं में 
बह जाओगे तुम.......
सलवट सी पड़ गई है किसी की याद है
थक गए हैं हाथ किसी से फरियाद में
बटखरे कम पड़ जायेंगे इन तराजुओं में
बह जाओगे तुम......
वक्त की नज़ाकत मेें बेपर्दा हो गए लोग
जो कभी तरसते थे बन जाए संयोग
"सूर्य" तो आज भी वही है आरजूओं में
बह जाओगे तुम......

©R K Mishra " सूर्य "
  #आसुओं