उस रोज चले गए थे तुम छोड़ के जो अधूरी तमाम गुफ्तगू मे बस वही एक बात थी ज़रूरी तुम गए तो गए उस रात साथ चाँद भी ले गए चांदनी उसके बाद फिर मेरे आंगन नहीं उतरी 11/6/21